सरगुजा। सरगुजा वन मंडल में गोदाम निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपए के फर्जी बिल वाउचर लगाकर सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है। इस गबन में तत्कालीन वन मंडलाधिकारी पंकज कमल, वर्तमान वन मंडलाधिकारी श्री शेखर, तत्कालीन वन परिक्षेत्राधिकारी श्री गजेंद्र दोहरे एवं वर्तमान परिक्षेत्राधिकारी निखिल पैकरा की संलिप्तता बताई जा रही है।
आरटीआई कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता डॉ. डी.के. सोनी ने इस मामले को उजागर करते हुए कोतवाली थाना अंबिकापुर में 2500 पन्नों के दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कमिश्नर सरगुजा ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
फर्जी भुगतान और अधूरे पड़े गोदाम
सरगुजा जिले में 8 गोदामों के निर्माण के लिए शासन द्वारा 1,46,65,821/- रुपए प्रति गोदाम की राशि स्वीकृत की गई थी। इस योजना के तहत निर्माण के लिए आर्किटेक्ट, स्टीमेट और ड्राइंग डिजाइन स्वीकृत किए गए थे। लेकिन, इन नियमों का पालन नहीं किया गया और घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर गोदाम खंडहर में तब्दील हो गए हैं।
शिकायत में बताया गया है कि फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर लाखों रुपए मजदूरों के खातों में ट्रांसफर किए गए। एक ही दिन में एक ही व्यक्ति को लाखों रुपए पारिश्रमिक के रूप में भुगतान किया गया। इसके अलावा, बिना कार्य किए करोड़ों रुपए का भुगतान दर्शाया गया है।
मंत्री के करीबी ठेकेदार को दिया ठेका
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इस घोटाले में पूर्व वन मंत्री के करीबी रायपुर के एक ठेकेदार को गोदाम निर्माण का ठेका दिया गया। निर्माण कार्य में तय मानकों का उल्लंघन किया गया और घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया।
फर्जी बिल वाउचर के जरिए करोड़ों का हेरफेर
वन मंडलाधिकारी एवं अधिकारियों द्वारा अलग-अलग तिथियों में बड़ी रकम निकाली गई:
- 30/03/2022 को ₹4,28,863/-
- 31/03/2022 को ₹1,18,250/- और ₹1,99,395/-
- 21/07/2022 को ₹19,21,778/-
- 26/09/2022 को ₹25,533,738/-
- 09/02/2023 को ₹4,70,48,158/-
- 11/10/2023 को ₹54,48,668/-
इसी तरह, सहायक महाप्रबंधक को भी करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया।
फर्जी मजदूरों के नाम पर लाखों का भुगतान
शिकायत के अनुसार, मजदूरों के नाम पर फर्जी भुगतान किया गया। उदाहरण के लिए:
- भगवान गहिर को एक ही दिन में ₹6,43,740/-
- मोहन लूहा को ₹6,48,741/-
- जितेंद्र बरभिया को ₹6,25,941/-
इन मजदूरों का अंबिकापुर और आसपास के गांवों से कोई संबंध नहीं है, जिससे स्पष्ट होता है कि ये नाम फर्जी हैं।
अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इस गबन में दस्तावेजों की कूट रचना कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
सरगुजा वन मंडल में हुए इस बड़े घोटाले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।