अंबिकापुर: सरगुजा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ग्राउंड में तीन महीने पहले 362 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न हुआ था। इस योजना के तहत जरूरतमंद और पात्र जोड़ों की शादी सरकारी खर्च पर कराई जाती है। लेकिन अब इस आयोजन में अनियमितता का बड़ा मामला उजागर हुआ है।
शादीशुदा जोड़ों का दोबारा विवाह
जांच में सामने आया है कि ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीखास से तीन ऐसे जोड़े इस सामूहिक विवाह में शामिल किए गए, जो पहले से शादीशुदा थे। नियमों के अनुसार, यह योजना केवल अविवाहित लड़कियों के लिए होती है, लेकिन लापरवाही के कारण पहले से शादीशुदा लोग भी लाभ लेने के लिए इस योजना में शामिल हो गए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने करवाई बेटे-बहू की शादी
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अपने ही बेटे और बहू की फिर से शादी करवा दी। इस गड़बड़ी के उजागर होने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजर एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। महिला एवं बाल विकास विभाग की इस लापरवाही ने शासन की योजनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने दी सफाई
इस मामले पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अतुल परिहार ने कहा कि सरकारी सहायता राशि को होल्ड कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शादीशुदा किसी भी जोड़े को सरकारी लाभ नहीं दिया जाएगा और पूरे मामले की जांच के बाद संबंधित दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।